अफसरशाही और सत्तारूढ़ विधायकों में ‘टकराव’

अफसरशाही और सत्तारूढ़ विधायकों में ‘टकराव’

हरियाणा की अफसरशाही और सत्तारूढ़ भाजपा के विधायकों में ‘टकराव’ आने वाले दिनों में बढ़ सकता है। नौकरशाही की कार्यशैली से पहले ही नाखुश विधायकों को कितनी लिफ्ट देनी है और उनकी कितनी सुनवाई करनी है,

अब ये जिलों के अफसर खुद ही तय करेंगे।सरकार की तरफ से फील्ड के अफसरों पर किसी तरह का दबाव नहीं होगा। कुछ इसी तरह की हिदायतें सीएमओ के एक आला अफसर ने जिले के अफसरों को गत दिवस यानी शुक्रवार को ही दी है। कुछ लोग इसे विधायकों द्वारा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के सामने की गयी ब्यूरोक्रेसी की शिकायत से जोड़कर भी देख रहे हैं। मौका था वीडियो कानफ्रेंसिंग के जरिये चंडीगढ़ से की गयी बैठक का। वैसे यह बैठक थी तो पब्लिक रिलेशन विभाग की, लेकिन इसमें अधिकांश जिलों के डीसी व एडीसी के अलावा कई शहरों के एसडीएम भी मौजूद रहे। कुल मिलाकर जिले का पूरा प्रशासनिक अमला बैठक में मौजूद रहा।

मीटिंग में मौजूद रहे भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार चंडीगढ़ से बैठक को दो आईएएस अधिकारियों के अलावा एक राजनीतिक नियुक्ति पर बैठे व्यक्ति ने भी सम्बोधित किया। बैठक के दौरान ‘एक और सुधार’ कार्यक्रम को लेकर भी बातचीत हुई और आरटीए कार्यालयों में फैले भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी बातचीत हुई। आरटीए कार्यालयों में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद ही सरकार ने आरटीए के सभी सचिवों को हटा दिया था। उनकी जगह संबंधित जिलों के एडीसी को आरटीए सचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। सूत्रों का कहना है कि यह बात भी बैठक में स्वीकार की गयी कि एडीसी को जिम्मा सौंपने के बाद भी आरटीए कार्यालयों में ‘लेन-देन’ का ‘खेल’ पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।

इसके लिए अधिकारियों से सुझाव भी मांगे गए। इससे भी आगे बढ़कर अधिकारियों को एक और बात कही गयी है कि विधायकों की कितनी सुनवाई करनी है और कितनी नहीं, ये भी वे खुद अपने हिसाब से फैसला करें। माना जा रहा है कि इस तरह के ‘फरमान’ से विधायकों की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। उनकी मुश्किलें बढ़ती हैं तो अधिकारियों और विधायकों में खींचतान बढ़ना भी स्वाभाविक है। ओवरलोड वाहनों को छुड़वाने के लिए विधायकों व मंत्रियों के फोन आने का मुद्दा भी बैठक में उठा। एक आईएएस अधिकारी के अनुसार, अब इस मामले में क्लीयर कहा गया है कि पकड़े गए वाहनों को छोड़ना है या नहीं, यह खुद अधिकारी ही तय करें।

 

                              

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