बिजली विभाग से परेशान किसान

बिजली विभाग से परेशान किसान

उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में विजली विभाग की तानाशाही का मामला सामने आया है

उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में बिजली विभाग की तानाशाही का मामला सामने आया है जिले के खुरहट गाव के रहने वाले किसान चतुरी गुप्ता को विजली विभाग ने लाखो रुपये का बिजली बिल भेजा है,जिसके कारण उसका पुरा परिवार और वो काफी परेशानी मे आ गया है, जिसके चलते उसने बिजली विभाग दफ्तर के काफी चक्कर लगाये लेकिन विभाग की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नही मिला.

चुंकि बिजली विभाग की तरफ से कोई सुनवाई हो रही जिस कारण आज एक आम आदमी विभागीय मकडजाल के जाल में उलझा हुआ है. दरअसल चतुरी गुप्ता ने 2003 में बिजली विभाग से एक किलो वाट का कनेक्शन लिया था जिसके बाद से लगातार बिजली का बिल भी जमा करते रहे है, लेकिन 29 जून 2018 को बिजली विभाग ने चतुरी गुप्ता के घर पर एक लाख 23 हजार रुपये का बिजली बिल और आरसी भेजकर बिजली विभाग के दफ्तर में पहूँच कर 15 दिन के अन्दर जवाब देने और बिल जमा करने का आदेश दे दिया.

तभी तत्काल उसने बिजली विभाग से सम्पर्क किया और अपने पूरे कागजजात विभागीय अधिकारियो को दिखाया तो अधिकारियो ने मामले के बारे मे बाबू से बात करने के लिए कहा और जब बाबू से बात की गई तो उसने मामले को रफा दफा करने के लिए पैसे की डिमान्ड कर दी.

ऐसा नही है कि पीडित परिवार अवैध बिजली जलाने का काम कर रहा हो या बिजली का बिल जमा नही किया हो. सबकुछ सही तो अलग से पैसे की डिमान्ड क्यों? चतुरी गुप्तापेशे से किसान है जो कि रिश्वत देने मे सक्षम नही है, चतूरी गुप्ता उपभोक्ता फोरम का भी दरवाजा खटखटाया लेकिन वहा से भी कोई सुनवाई नही हुआ और मामला खारिज कर दिया तो पीडित चतुरी गुप्ता हाईकोर्ट पहूँचे और वहा स्टे आर्डर ले आये. इन सब मे भी उसके पच्चीसो हजार रुपये का खर्च हो गये.

हालांकि इस पूरे प्रकरण में बिजली विभाग के अधिशाषी अभियन्ता सुबोध कुमार से बात की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि अगर पीडित व्यक्ति उनके पास आता है तो उसकी सुनावाई की जायेगी तो वहीं किसान का कहना है कि वो बिजली विभाग के चक्कर लगा-लगा कर थक चुका है लेकिन विभाग कि तरफ से कोई सुनवाई नही हुई है और अधिकरी कहते है उनके पास कोई गया नही.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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