लोकसभा चुनावों से पहले सीबीआई की जांच

लोकसभा चुनावों से पहले सीबीआई की जांच

लोकसभा चुनावों से पहले सीबीआई की जांच 

लोकसभा चुनावों से पहले सीबीआई उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टीके कार्यकाल के दौरान अपर निजी सचिव की भर्ती मामले की जांच करेगी. योगी सरकार की तरफ से सपा सरकार के पांच सालों के दौरान उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की भर्तियों की जांच के लिए सिफारिश की गई थी.

अपर निजी सचिवों की भर्ती में हुई गड़बड़ियों की शिकायत के बाद जांच एजेंसी ने योगी आदित्यनाथ सरकार से छानबीन की इजाजत मांगी थी. सरकार ने जांच की मंजूर दे दी. सीबीआई ने 19 जून 2018 को जांच के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा था. जिसके बाद सीबाआई  ने केस दर्ज करके मामले की जांच शुरु कर दी है.

आपकों बता दें कि इन भर्तियों में न्यूनतम योग्यता न होने के बावजूद भी 250 लोगों को भर्ती कर लिया गया. इस मे भर्ती किए गए ज्यादातर लोग अफसरों के करीबी रिश्तेदार थे. आरोप के मुताबिक यूपी में मायावती की सरकार में 2010 में अपर निजी सचिव की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी. वहीं अखिलेश सरकार ने तीन चरणों में इसकी परीक्षा कराई गई. जिसका रिजल्ट 3 अक्टूबर 2017 को जारी हुआ और कई लोगों को ज्वॉइन भी कराया गया.

इसी बीच जांच के दौरान सीबीआई को शिकायत मिली कि बसपा सरकार में शुरू हुई अपर निजी सचिव की भर्ती प्रक्रिया में भी गड़बड़ी की गई थी. यूपीपीएससी के कुछ अधिकारियों ने शैक्षणिक योग्यता पूरी न होने के बावजूद तमाम अधिकारियों के रिश्तेदारों को परीक्षा में हेराफेरी कर पास कराया. मुख्यमंत्री कार्यालय में पूर्व में तैनात रहे एक निजी सचिव ने अपने रिश्तेदारों को नौकरी दिलवा दी तो सचिवालय में तैनात एक अधिकारी ने अपने पूरे परिवार को ही भर्ती करा लिया.

जिसके बाद सीबीआई ने इस मामले की भी जांच करने का फैसला लिया और राज्य सरकार को सूचित करते हुए इसकी प्रक्रिया पूरी करने को कहा.

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