मां बोली- बदले में चाहिए 24 सिर, दूसरे बेटे को भी सेना में भेजती।

मां बोली- बदले में चाहिए 24 सिर, दूसरे बेटे को भी सेना में भेजती।

पति के निधन के बाद भी बेटे की मंशा को भाप मां ने कपिल कुंडू को सेना की नौकरी के लिए तैयारी करने दी। बेटे ने अपने लक्ष्य को हासिल किया और सेना में भर्ती हो गया।

28 जनवरी को कैप्टन बना तो सबसे पहले मां को फोन कर जानकारी दी। मां बेटे की उपलब्धि पर फूली नहीं समा रही थी। दस फरवरी को उनका जन्मदिन था। वह जल्दी ही आने वाले थे। देर रात मां को जिगर के टुकड़े की शहादत की सूचना मिली तो वह बिलख उठी। पूरी रात रोती रही, अल सुबह तक मां के आंखो में आंसू छलक ही रहे थे। इस बात का गर्व भी दिखा उसके लाल ने देश के लिए प्राण बलिदान किए हैं। पाकिस्तान के प्रति सीने में गुस्सा भी चेहरे पर दिख रहा था। जब किसी ने बेटे की शहादत पर सवाल किया तो शोकाकुल मां का यही जवाब था कि मेरे लाल को सच्ची श्रद्धांजलि मिलेगी। शहीद की मां ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अब मुंहतोड़ जवाब देना ही पड़ेगा। यह कहते हुए सुनीता कुछ देर के लिए गुमसुम हो जाती हैं।

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