हरियाणा कांग्रेस में बन रहे नए सियासी समीकरण, हुड्डा व कुलदीप ने मिलाए हाथ

हरियाणा कांग्रेस में बन रहे नए सियासी समीकरण, हुड्डा व कुलदीप ने मिलाए हाथ

हरियाणा कांग्रेस में नए सियासी समीकरण बन रहे हैं। अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कुलदीप विश्नोई ने हाथ मिल दिए हैं। यह दोस्ती नया गुल खिला सकती है।

हरियाणा कांग्रेस में आजकल नए सियासी समीकरण बन रहे हैैं। कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक तंवर की साइकिल को रोकने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और गैर जाट नेता कुलदीप बिश्नोई ने हाथ मिला लिए हैैं। करीब 13 साल बाद बनी जाट और गैर जाट नेताओं की यह जुगलबंदी प्रदेश कांग्रेस में कोई नया गुल खिला सकती है।
कांग्रेस हाईकमान ने फिलहाल अशोक तंवर को अध्यक्ष के रूप में काम करते रहने के निर्देश देखे है। अगले आदेश तक अपनी बहाली के बाद तंवर जहां फरीदाबाद में विकल्प रैली कर चुके, वहीं उन्होंने यमुनानगर से साइकिल यात्रा का भी आगाज कर दिया है। तंवर की राज्य स्तरीय साइकिल यात्रा फरवरी के मध्यम में तब गति पकड़ेगी, जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रथ पर सवार होकर प्रदेश के दौरे पर निकलेंगे।
हुड्डा खेमा प्रदेश अध्यक्ष पद पर तंवर की बहाली को कुछ समय के लिए मानकर चल रहा है। हाईकमान पर दबाव बनाने के लिए हुड्डा खेमे ने मकर संक्रांति के दिन दिल्ली में लंच पर अपनी ताकत का एहसास भी करा दिया। करीब एक दर्जन राष्ट्रीय नेताओं और कुलदीप बिश्नोई समेत 15 विधायकों को एकजुट कर हुड्डा खेमा अपनी मजबूती का संदेश देने में कामयाब रहा है।
दरअसल, हुड्डा और तंवर खेमे अब कभी एकजुट हो पाएंगे, इसकी कतई संभावना नहीं है। ऐसे में हुड्डा और कुलदीप की जुगलबंदी कांग्रेस में नए समीकरण पैदा कर सकती है। हुड्डा खेमे के पास यदि प्रधान पद आता है तो कांग्रेस विधायक दल के नेता पद पर कुलदीप की दावेदारी मजबूत होती है।
दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले तंवर खेमे के पास प्रधान पद बरकरार रहने की स्थिति में कुलदीप की दावेदारी कमजोर पड़ेगी। ऐसे में किसी भी बदलाव से पहले हुड्डा व कुलदीप ने जाट व गैर जाट का समीकरण हाईकमान के सामने पेश किया है।
कांग्रेस दिग्गजों की इस लड़ाई में दलित नेता कु. सैलजा तथा राहुल गांधी के सबसे करीबी रणदीप सुरजेवाला की दावेदारी को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। तंवर समर्थक जहां उनके दलित व गैर जाट होने का फार्मूला पेश कर रहे हैैं, वहीं यही फार्मूला सैलजा पर फिट बैठता है।
जाट नेता के हाथ में बागडोर होने की स्थिति में रणदीप को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता, जबकि अधिकतर विधायक चाहते हैैं कि हुड्डा के हाथ में हरियाणा कांग्रेस की बागडोर हो, जबकि कुछ पार्टी नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा को भी आगे कर चल रहे हैैं। कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी की दिल्ली दरबार में मजबूत पकड़ को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा बुधवार को चंडीगढ़ में एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन करने वाले हैैं। तंवर के तीन दिवसीय मंथन शिविर से अलग होकर हुड्डा बुधवार को राजभवन में बढ़ते अपराधों पर सरकार को घरेंगे। उनके साथ तमाम पार्टी विधायक होंगे। साथ ही इसी दिन दिन ने पार्टी विधायकों के लिए चंडीगढ़ में डिनर का इंतजाम किया है।
 

 

 

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