पूरे देश की तुलना में दिल्ली में सबसे अधिक फर्जी कॉलेज हैं। फर्जी कॉलेजों की मौजूदगी में दिल्ली देश का पहला राज्य है। यहां पर करीब 66 ऐसे कॉलेज हैं जो फर्जी हैं। इनमें कई ऐसे कॉलेज हैं जो छात्रों को इंजीनियरिंग समेत दूसरे टेक्नीकल कोर्सेस की शिक्षा बिना इजाजत के दे रहे हैं। वहीं पूरे देश की यदि बात करें तो देशभर में करीब 279 तकनीकी संस्थान फर्जी तौर पर काम कर रहे हैं। कानूनी तौर पर इस तरह का कोई भी संस्थान छात्रों को डिग्री देने एजूकेशन सर्टिफिकेट देने के हकदार नहीं हैं। इतना ही नहीं यदि वह ऐसा करते भी हैं तो वह सर्टिफिकेट महज एक कागज के टूकड़े से ज्यादा कुछ नहीं है। देशभर में करीब 23 फर्जी यूनिवर्सिटी काम कर रही हैं। इन्हें यूजीसी की तरफ से मान्यता नहीं मिली है। यूजीसी और एआईसीटीई की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले माह ही उन्होंने एक लिस्ट अपनी वेबसाइट पर जारी की है जिसमें इस तरह की सभी यूनिवर्सिटी और संस्थानों के नाम हैं। इस वेबसाइट पर सभी छात्रों को इस तरह के संस्थान या यूनिवर्सिटी से बचने की सलाह भी दी गई है।
यूजीसी के एक अधिकारी के मुताबिक उन्होंने सभी राज्यों काे उनके यहां मौजूद फर्जी संस्थान और फर्जी यूनिवर्सिटी की लिस्ट भेजी है और सरकार से ऐसे संस्थान और विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई करने को कहा है। तेलंगाना, यूपी, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में काफी संख्या में फर्जी संस्थान और फर्जी विश्वविद्यालय मौजूद हैं।एआईसीटीई ने भी इस तरह के संस्थानों को नोटिस जारी कर अपनी गतिविधियां तुरंत बंद करने को कहा है। साथ ही कहा गया है कि वह यदि अपने संस्थान काे जारी रखना चाहते हैं तो पहले इसके लिए उनसे इजाजत लें। अखबारों के जरिए दिए एक पब्लिक नोटिस में छात्रों से भी इस तरह के फर्जी संस्थानों में एडमिशन न लेने की अपील की है। राज्य सभा में इसकी जानकारी देते हुए मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने बताया है कि इस संबंध में सभी राज्यों को एक पत्र भेजकर फर्जी संस्थानों और विश्वविद्यालयों की जानकारी हासिल कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है। इसके अलावा राज्य सरकारों से शुरुआती स्तर पर इस तरह के संस्थानों और विश्वविद्यालयों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की बात कही गई है।
Leave a comment