रोहतक छेड़छाड़ कांड : अदालत ने बहादुर बहनों के आरोप किए खारिज तीनों आराेपमुक्‍त

रोहतक छेड़छाड़ कांड : अदालत ने बहादुर बहनों के आरोप किए खारिज तीनों आराेपमुक्‍त

बस में छेड़छाड़ का आरोप लगा कर तीन युवकों को पीटने वाली बहादुर बहनों पर बड़ा सवाल उठ गया है। रोहतक के एसीजेएम हरीश गोयल की अदालत ने तीनों आरोपी युवकों को बरी कर दिया। अदालत को इस केस में पीड़ित पक्ष की तरफ से कोई ठोस गवाह या फिर सबूत नहीं मिला है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता का कहना है कि अब केस कोर्ट में आगे नहीं चलेगा। हालांकिए पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता का कहना है कि वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

घटना 28 नवंबर 2014 की है। सोनीपत के गांव थाना की रहने वाली दोनों बहनें पूजा और आरती हरियाणा रोडवेज की बस से घर लौट रही थीं। उस समय दोनों रोहतक के आइसी कॉलेज में पढ़ती थीं। बस जब भालौठ के पास पहुंची तो दोनों ने तीन युवकों को पीटना शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि युवकों ने उनके साथ छेड़छाड़ की। उन्होंने अपने साथ बैठी एक महिला को अपना सेलफोन देकर वीडियो क्लिप बनवा ली।

दोनों बहनों द्वारा युवकों को पीटते हुए वह क्लिप वायरल हो गई। लड़कियों को बहादुर बहनें नाम दिया गया। इसके बाद छेड़छाड़ के अारोप में सदर थाने में आसन गांव के रहने वाले कुलदीपए मोहित और दीपक के खिलाफ केस दर्ज हुआ। युवकों ने बताया कि उन्होंने कोई छेड़छाड़ नहीं की बल्कि सीट को लेकर विवाद हुआ था।

मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित की गई। एसआइटी के प्रभारी तत्कालीन डीएसपी यशपाल खटाना को बनाया था। खटाना ने मामले में बस सवार 40 लोगों के बयान लिए। सभी ने युवकों के पक्ष में बयान दिए। बस सवार लोगों का दावा था कि दोनों बहनों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई थी केवल सीट को लेकर झगड़ा हुआ था। कई अन्य लोगों ने भी ये आरोप लगाए कि उनके साथ भी दोनों बहनों ने ऐसा कर समझौते के नाम पर उगाही की थी। 

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