फिल्म या डॉक्युमेंट्री में राष्ट्रगान बजे तो लोगों को खड़े होने की जरूरत नहीं

फिल्म या डॉक्युमेंट्री में राष्ट्रगान बजे तो लोगों को खड़े होने की जरूरत नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि अगर किसी फिल्म या डॉक्युमेंट्री में राष्ट्रगान बजता है तो उस दौरान ऑडियंस को खड़े होने की जरूरत नहीं है। किसी को खड़े होने के लिए मजबूर भी नहीं किया जा सकता। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवंबर में ऑर्डर दिया था कि सिनेमा हॉल में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाना होगा। इस दौरान स्क्रीन पर तिरंगा नजर आना चाहिए। साथ ही राष्ट्रगान के सम्मान में सिनेमा हॉल में मौजूद सभी लोगों को खड़ा होना होगा। 

पिटिशनर्स में से एक ने कोर्ट से यह साफ करने के लिए कहा था कि फिल्म न्यूजरील या डॉक्यूमेंट्री में राष्ट्रगान बजने पर लोगों को क्या खड़े होना चाहिए। इस पर जस्टिस दीपक मिश्रा और आर भानुमति ने साफ किया यह साफ है कि जब राष्ट्रगान फिल्म की स्टोरीलाइन न्यूजरील या डॉक्यूमेंट्री के तहत बजे तो उस पर खड़े होना जरूरी नहीं है।बेंच ने कहा कि पिटिशनर्स इस मसले पर बहस चाहते हैं। मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल तय की गई है। 

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