उत्तर प्रदेश:जब तक चाहें शिविरों में रह सकते हैं लोग

उत्तर प्रदेश:जब तक चाहें शिविरों में रह सकते हैं लोग

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि मुजफ्फरनगर और शामली के पांच राहत शिविरों में जब तक लोग चाहें रह सकते हैं। सरकार पूरी सुविधा उपलब्ध कराएगी। सरकार उन्हें अब जहां सरकारी इमारतों में शिफ्ट करने की तैयारी कर रही है वहीं उनको प्रेरित भी करेगी कि वे लोग अपने घर जाएं उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाएगी।इसी के साथ सरकार ने यह साफ किया कि दो बड़े शिविर सरकारी जमीनों पर हैं और वहां रह रहे लोग इस दुष्प्रचार में न आएं कि शिविर में रहने से वह जमीन उन्हें आवंटित हो जाएगी। राज्य के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने बताया कि उन्होंने गुरुवार को मेरठ के मंडलायुक्त और मुजफ्फरनगर शामली और बागपत के जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी।

उन्होंने कहा कि राहत शिविरों की जांच में पाया गया था कि ज्यादातर लोग लोई और मलकपुर के ही रह रहे थे। यहां विभिन्न वर्ग के लोग हैं। कई लोग ऐसे हैं जो दूसरी जगह बसने के लिए पांच लाख रुपये ले चुके हैं लेकिन अभी तक यह नहीं तय कर पाए हैं कि आखिर वे कहां बसें।

उस्मानी ने कहा कि इसी प्रकार कुछ ऐसे परिवार भी शिविरों में हैं जिनके मुखिया ने शपथपत्र देकर खुद को अपने परिवार का मुखिया बताया है। जांच के बाद उन्हें अन्यत्र बसने के लिए पांच लाख रुपये भी दिए गए हैं। लेकिन इसी परिवार के अन्य सदस्य खुद को अलग परिवार बताकर पांच लाख रुपये की मांग कर रहा है।

उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे लोग भी हैं जो यह मांग कर रहे हैं कि उनके गांव को भी उन नौ गांवों की सूची में डाला जाए जिन गांवों के लोगों के अपने गांव न जाने को सरकार ने औचित्यपूर्ण माना था।मुख्य सचिव ने बताया कि राहत शिविरों में रह रहे कुछ लोगों को बताया गया है कि शिविरों में ही रहने से देर-सबेर यह जमीन उन लोगों को आवंटित कर दी जाएगी। इसलिए भी लोग शिविरों में रह रहे हैं।उस्मानी ने बताया कि लोई और मलकपुर के शिविर सरकारी जमीनों पर हैं। ऐसे लोगों को न सरकारी जमीन मिलेगी और न ही अयोग्य लोगों को पैसा।

  

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