पंजाब में कर्ज से परेशान किसान! नहीं थम रहा किसानों की खुदकुशी का सिलसिला।

पंजाब में कर्ज से परेशान किसान! नहीं थम रहा किसानों की खुदकुशी का सिलसिला।

पंजाब सरकार की ओर से किसानों के साथ किया गया कर्ज माफी का वादा किसानों पर पड़ रहा है भारी। बठिंडा के गांव पिथो के किसान बूटा सिंह ने आर्थिक तंगी के चलते अपने ही घर में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है।
पंजाब सरकार की ओर से कर्ज माफी करने की योजना शुरू करने के बावजूद प्रदेश में कर्जदार किसानों द्वारा आत्महत्या का सिलसिला थम नहीं रहा है। सरकार की ओर से जारी की कर्जमाफी की सूची में अपना नाम न आने से आहत होकर बठिंडा के गांव पिथो के किसान बूटा सिंह ने अपने घर में पंखे में कपड़ा बांध कर गले में फंदा लगा लिया। गांव वालों ने बताया कि बूटा सिंह गरीब परिवार से था, जिस कारण उसने विवाह तक नहीं करवाया था। वह अपने छोटे भाई बलविंदर सिंह बादल के साथ रहता था। बूटा सिंह के पास मात्र 7 कनाल जमीन थी। आर्थिक तंगी के कारण वह अपनी बाकी जमीन बेच चुका था। उस पर कॉरपोरेशन बैंक का 2.5 लाख, पंजाब एंड सिंध बैंक का 90 हजार और सहकारी सभा का 25 हजार रुपये कर्ज था। सरकार की ओर से जारी कर्जमाफी की सूची में उसका नाम न आने से वह परेशान था। इसी कारण उसने आत्महत्या कर ली। रामपुरा सदर थाने की पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया और कार्रवाई निपटाने के बाद परिवार के सुपुर्द कर दिया है।
 
 
किसान बूटा सिंह के भाई बलविंदर सिंह बादल का कहना है कि उनके पास 5 एकड़ के करीब जमीन थी जिसमें से दोनों भाइयों ने 4 एकड़ जमीन बेच दी हैं बैंक का कर्ज उतारने के लिए जिसके बाद दोनों भाइयों के पास 7 कनाल जमीन ही बची है अवसर पर 3, लाख 50 हजार रूपय का कर्ज अभी भी बाकी है जो बैंक और सोसाइटी का है। बलविंदर सिंह ने बताया कि जब पंजाब सरकार की ओर से कर्ज माफी की लिस्ट जारी की गई तो हमारे भाई ने सोचा कि हमारा कर्ज माफ हो जाएगा लेकिन जब पता किया कि हमारा लिस्ट में नाम ही नहीं है तब से बूटा सिंह परेशान रहने लगा जिसके बाद घर में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। ग्राम वासियों और परिवार के सदस्यों  ने पंजाब सरकार से किसान के परिवार को 10लाख मुआवजा एवं एक सरकारी नौकरी और किसान का सारा कर्ज माफ करने की अपील की है। 

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